नेता, अफसर और जनता भी, सारे बेबस हो गए हैं। जो दिखते थे सबसे ज्यादा, वो भूमिगत हो गए नेता, अफसर और जनता भी, सारे बेबस हो गए हैं। जो दिखते थे सबसे ज्यादा, वो भूमिगत...
एक लड़की की इश्क में बेबसी की दास्तान एक लड़की की इश्क में बेबसी की दास्तान
आज उसे अपने ही घरों में रहने का अधिकार नहीं है। आज उसे अपने ही घरों में रहने का अधिकार नहीं है।
हाथ में लेते ही लग गया रंग चित्रों का जिन्हें कभी बनाया था मैंने उसके लिए हाथ में लेते ही लग गया रंग चित्रों का जिन्हें कभी बनाया था मैंने उस...
भावनाओं का ज्वार है फूटे कैसे ? हम कठपुतलियां हैं निशब्द। भावनाओं का ज्वार है फूटे कैसे ? हम कठपुतलियां हैं निशब...
हत्या तो हत्या होती है यह अच्छी नहीं बुरी होती है। हत्या तो हत्या होती है यह अच्छी नहीं बुरी होती है।